जयपुर: भारत का गुलाबी शहर – एक यात्रा गाइड
जयपुर, जिसे “गुलाबी शहर” के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान राज्य की राजधानी है। यह ऐतिहासिक धरोहर, संस्कृति, वास्तुकला और रंग-बिरंगे बाजारों का अद्भुत संगम है। अगर आप जयपुर यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए संपूर्ण गाइड साबित होगा। इसमें आपको जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों, यात्रा के खर्चे, होटल रेंट, और अन्य आवश्यक जानकारी मिलेगी।
आप भी जयपुर में घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको जयपुर में आसपास घूमने की जगह (Jaipur Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में जानकारी देंगे, ताकि आप अपने परिवार के साथ, मित्रजनो के साथ घूमने का योजना बना सके और कम बजट में आराम से घूम सकते हैं। आगे इस लेख में जयपुर में नजदीकी स्थानों के बारे मे और जानकारी दी गई है इसे पुरा पढ़े।
जयपुर के प्रमुख 15 दर्शनीय स्थल :-
1 आमेर किला (Amer Fort), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
आमेर किला जयपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित है, जो जयपुर सिटी सेंटर से लगभग 11 किलोमीटर दूर है। यह किला अरावली पर्वत श्रेणी में बसा हुआ है, जो इसकी ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाता है। जयपुर शहर से आमेर किले तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, जयपुर शहर से किले तक बस सेवा भी उपलब्ध है, जो किफायती है।
किले का परिचय : –
आमेर किला भारत के प्रसिद्ध किलों में से एक है, जो राजपूत स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसे राजा मानसिंह ने 1592 में बनवाना शुरू किया था, और बाद में उनके उत्तराधिकारियों ने इसका विस्तार किया। किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है और इसमें कई महल, मंदिर, बाग़ और जलाशय हैं। किले के भीतर “जयमल कक्ष”, “दीवान-ए-आम” और “शिला माता मंदिर” प्रमुख आकर्षण हैं।
किले तक कैसे जाएं : –
आमेर किला जाने के लिए आप सिटी सेंटर से टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या सार्वजनिक बस का उपयोग कर सकते हैं। किले तक जाने के लिए आप पैदल भी चढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन हाथी की सवारी करने का अनुभव भी खास होता है, जो पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प है।
प्रवेश शुल्क:
– भारतीय नागरिकों के लिए: ₹100
– विदेशी नागरिकों के लिए: ₹500
यह शुल्क आमतौर पर किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर लिया जाता है। अन्य सुविधाओं का शुल्क अलग से लिया जा सकता है।
आमेर किला की यात्रा ना केवल इतिहास और वास्तुकला के प्रेमियों के लिए बल्कि भारतीय संस्कृति, भोजन और समृद्ध इतिहास से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए भी आदर्श स्थान है।
2 जयगढ़ किला (Jaigarh Fort), जयपुर – यात्रा

स्थान और दूरी:
जयगढ़ किला, जयपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला अरावली पर्वत की चोटी पर स्थित है और आमेर किले से कुछ ही दूरी पर स्थित है, जिससे आप एक ही यात्रा में दोनों किलों की सैर कर सकते हैं। जयगढ़ किला जयपुर शहर से लगभग 30 मिनट की ड्राइव की दूरी पर है।
किले का परिचय:
जयगढ़ किला, जयपुर के प्रमुख किलों में से एक है, जिसे राजा जय सिंह द्वितीय ने 1726 में बनवाना शुरू किया था। इस किले का मुख्य उद्देश्य शहर की सुरक्षा था। किला अपनी मजबूत संरचना, किलेदारों की सैनिक रणनीतियों और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। किले के भीतर “जयविलास महल” और “किलेदारों के कक्ष” प्रमुख आकर्षण हैं। यहां एक विश्व प्रसिद्ध तोप, “जयवाण” भी रखी गई है, जो अपने आकार में सबसे बड़ी तोपों में से एक मानी जाती है। किले की भव्य दीवारें और दर्शनीय दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
किले तक कैसे जाएं:
जयगढ़ किला जयपुर के शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आमेर किले से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है। आप टैक्सी, ऑटो या निजी वाहन से किले तक पहुँच सकते हैं। किले तक पहुँचने के लिए सड़कें अच्छी हैं और रास्ते में प्राकृतिक दृश्य भी शानदार होते हैं।
प्रवेश शुल्क:
भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹50
विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹150
(ये शुल्क किले के प्रवेश द्वार पर लिया जाता है।)
जयगढ़ किला अपनी ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जो हर पर्यटक को आकर्षित करता है। किले की यात्रा न केवल ऐतिहासिक अनुभव देती है, बल्कि यह राजस्थान के समृद्ध सैन्य इतिहास और संस्कृति को भी उजागर करती है।
3 हवा महल (Hawa Mahal), – यात्रा

स्थान और दूरी: –
हवा महल, जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है और यह जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह महल प्रसिद्ध सिटी पैलेस के नजदीक है, और जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर और बस स्टैंड से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवा महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहा जाता है, और यह अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
महल का परिचय: –
हवा महल का निर्माण 1799 में राजा सवाई प्रताप सिंह ने कराया था। यह महल खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाया गया था, ताकि वे बिना लोगों को देखे बाजार और शहर के दृश्य देख सकें। हवा महल का वास्तुशिल्प राजपूत और मुग़ल शैलियों का मिश्रण है। यह पांच मंजिला इमारत है, जिसकी खूबसूरती और विशेष रूप से हवादार झरोखों (windows) के कारण यह नाम पड़ा। महल में 953 छोटी-छोटी खिड़कियाँ हैं, जो इसे एक अद्भुत और दिलचस्प संरचना बनाती हैं।
महल तक कैसे जाएं: –
हवा महल जयपुर शहर के मध्य में स्थित है, और यह शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। आप यहां तक पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या सिटी बस का उपयोग कर सकते हैं। सिटी पैलेस से इसे पैदल भी देखा जा सकता है। यहां का वातावरण बहुत जीवंत और ऐतिहासिक है।
प्रवेश शुल्क: –
– भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹50
– विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹200
यह शुल्क महल के अंदर प्रवेश के लिए लिया जाता है।
हवा महल की यात्रा न केवल इस अद्भुत संरचना को देखने का एक अद्भुत अनुभव है, बल्कि यह आपको राजस्थान की संस्कृति, वास्तुकला और खानपान से भी जुड़ने का अवसर देती है। यह महल जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर और इसके गौरवशाली अतीत को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
4 सिटी पैलेस (City Palace), – यात्रा

स्थान और दूरी: –
सिटी पैलेस, जयपुर शहर के मध्य में स्थित है और यह शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह महल मुख्य सिटी एरिया में स्थित है, जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर और बस स्टैंड से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह महल पुराने जयपुर शहर (विक्टोरियन और राजपूत शैली की वास्तुकला) के बीच स्थित है, जिससे आपको जयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव होता है।
महल का परिचय: –
सिटी पैलेस का निर्माण सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1727 में शुरू करवाया था, और इसे उनकी राजकुमारी कक्षों, दरबार हॉल, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से सजाया गया। यह महल राजपूत और मुग़ल शैली की वास्तुकला का मिश्रण है और इसमें कई हिस्से हैं, जैसे चंद्र महल, दीवाने आम, दीवाने खास, और म्यूजियम। महल के भीतर कई सुंदर बगीचे, महल कक्ष और संग्रहालय हैं, जहाँ पर जयपुर के ऐतिहासिक सामग्रियाँ, वस्तुएं और कला प्रदर्शित की जाती हैं।
महल तक कैसे जाएं: –
सिटी पैलेस, जयपुर शहर के बीच में स्थित है, और यहां तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या सार्वजनिक बस सेवा का उपयोग कर सकते हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से यह महल केवल 10-15 मिनट की दूरी पर है, इसलिए यह जयपुर के अन्य प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
प्रवेश शुल्क: –
– भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹250
– विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹700
(संग्रहालय और अन्य विशेष क्षेत्र में अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।)
सिटी पैलेस, जयपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो न केवल इसके भव्य वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण आकर्षक है, बल्कि यह राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। जयपुर की सैर करने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थल एक जरूरी यात्रा स्थान है।
5 जंतर मंतर (Jantar Mantar), – यात्रा

स्थान और दूरी: –
जंतर मंतर जयपुर के केंद्र में स्थित है और यह शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह सिटी पैलेस से केवल 500 मीटर की दूरी पर है और रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर और बस स्टैंड से 2 किलोमीटर दूर है। यह खगोलशास्त्र से संबंधित एक अद्भुत संरचना है, जो ऐतिहासिक महत्व रखती है।
जंतर मंतर का परिचय: –
जंतर मंतर का निर्माण सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1728 में कराया था। यह एक खगोलशास्त्रीय वेधशाला है, जिसमें कई बड़े उपकरण हैं, जो समय, ग्रहों की स्थिति, ग्रहण और अन्य खगोलीय घटनाओं का माप करते थे। जंतर मंतर की डिजाइन और यांत्रिकी उस समय की विज्ञान और तकनीकी क्षमता को दर्शाते हैं। यह स्थल एक UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में भी दर्ज है। प्रमुख आकर्षणों में सोलर घड़ी, जयप्रकाश यंत्र, राम यंत्र और सम्राट यंत्र शामिल हैं। इन यंत्रों का इस्तेमाल सूर्य और अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति जानने के लिए किया जाता था।
जंतर मंतर तक कैसे जाएं: –
जंतर मंतर, जयपुर के सिटी पैलेस के नजदीक स्थित है, जो शहर के केंद्र में है। आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या बस से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप सिटी पैलेस से यात्रा कर रहे हैं, तो इसे पैदल भी कवर किया जा सकता है, क्योंकि दोनों स्थल एक-दूसरे से बेहद करीब हैं।
प्रवेश शुल्क: –
– भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹50
– विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹200
(यह शुल्क जंतर मंतर के प्रवेश के लिए लिया जाता है।)
जंतर मंतर जयपुर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, जो खगोलशास्त्र और विज्ञान के प्रति सवाई जय सिंह द्वितीय की रुचि को दर्शाता है। यहां आने वाले पर्यटकों को ना केवल खगोलशास्त्र की गहरी जानकारी मिलती है, बल्कि यह स्थल वास्तुकला और इतिहास के प्रेमियों के लिए भी आकर्षक है। जयपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए जंतर मंतर एक जरूरी स्थान है।
6 नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort), – यात्रा

स्थान और दूरी: –
नाहरगढ़ किला, जयपुर शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला अरावली पर्वत की एक ऊँची चोटी पर बना हुआ है, और यहाँ से जयपुर शहर का बेहद खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। यह किला जयपुर शहर के पश्चिमी किनारे पर स्थित है और वहां तक पहुँचने के लिए आपको थोड़ा पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ता है। नाहरगढ़ किला, आमेर किले और जयगढ़ किले के नजदीक है, जिससे आप इन किलों का एक ही यात्रा में भ्रमण कर सकते हैं।
किले का परिचय: –
नाहरगढ़ किला, 1734 में सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह किला मुख्य रूप से जयपुर शहर की सुरक्षा के लिए निर्मित किया गया था, लेकिन समय के साथ इसे एक शानदार महल के रूप में विकसित किया गया। किले में सुंदर महल, कक्ष और दीवारें हैं, जो इसे ऐतिहासिक और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनाते हैं। किले के अंदर स्थित माधवेंद्र भवन में कई कक्ष हैं, जो राजा और उनके परिवार के लिए बनाए गए थे। नाहरगढ़ किले का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण है यहाँ से शहर का मनोरम दृश्य, जो सूर्यास्त के समय और भी सुंदर लगता है। किले के दीवारों पर उकेरे गए चित्र और सजावट भी दर्शनीय हैं।
किले तक कैसे जाएं: –
नाहरगढ़ किला, जयपुर शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां तक पहुँचने के लिए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप बाइक या पैदल भी किले तक जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि रास्ता थोड़ा चढ़ाई वाला है।
प्रवेश शुल्क: –
– भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹50
– विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹200
(यह शुल्क किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर लिया जाता है।)
नाहरगढ़ किला जयपुर का एक प्रमुख और ऐतिहासिक किला है, जो न केवल अपनी वास्तुकला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ से शहर का दृश्य और सूर्यास्त भी अद्वितीय होते हैं। यह किला हर पर्यटक के लिए एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। जयपुर की यात्रा करने वालों के लिए यह किला एक जरूरी स्थल है, जहाँ ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मेल होता है।
7 जल महल (Jal Mahal), – यात्रा

स्थान और दूरी: –
जल महल जयपुर शहर के केंद्र से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मानसागर झील के मध्य में बना हुआ एक सुंदर महल है, जो जयपुर शहर के उत्तर में स्थित है। जल महल, आमेर किले और नाहरगढ़ किले के पास स्थित है, और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह महल अपनी विशेष वास्तुकला और प्राकृतिक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। जल महल को “वॉटर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह झील के पानी में डूबा हुआ दिखाई देता है।
जल महल का परिचय: –
जल महल का निर्माण सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18वीं शताबदी में किया था। यह महल राजपूत शैली में निर्मित है और इसमें 5 मंजिलें हैं, जिनमें से केवल एक मंजिल पानी से बाहर दिखाई देती है। यह महल एक आंतरिक बगीचे और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। महल में राजाओं के लिए सुंदर कक्ष और दरबार हॉल बनाए गए थे। जल महल का वातावरण बहुत शांत और सुरम्य है, जो पर्यटकों को शांति और सुकून का अनुभव कराता है।
महल तक कैसे जाएं: –
जल महल तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मानसागर झील के किनारे पर स्थित है और रास्ते में आप झील का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। सार्वजनिक परिवहन भी उपलब्ध है, लेकिन निजी वाहन से यात्रा अधिक आरामदायक होती है।
प्रवेश शुल्क: –
– जल महल में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है, क्योंकि यह महल केवल बाहरी दृश्य के लिए खुला है।
– आप मानसागर झील में बोटिंग करने का आनंद ले सकते हैं, जिसके लिए अलग से शुल्क लिया जाता है (₹50 से ₹150 तक)।
जल महल जयपुर का एक अद्वितीय और आकर्षक स्थल है, जो अपनी सुंदर वास्तुकला और झील के बीच स्थित होने के कारण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहाँ का शांत वातावरण और सुंदर दृश्य एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं। हालांकि, जल महल के अंदर प्रवेश नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बाहरी दृश्य और पास के बोट राइड्स पर्यटकों के लिए खास आकर्षण हैं। जयपुर में यात्रा करने वालों के लिए जल महल एक जरूरी स्थान है।
8 बिरला मंदिर (Birla Mandir), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
बिरला मंदिर जयपुर शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यह शहर के केंद्रीय क्षेत्र से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर माउंट अरिके की तलहटी पर स्थित है और यह विशेष रूप से शहर के पश्चिमी इलाके में है। जयपुर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी लगभग 6-7 किलोमीटर है। यह मंदिर शहर के अन्य प्रमुख स्थलों जैसे सिटी पैलेस और जंतर मंतर से लगभग 10-15 मिनट की दूरी पर है।
बिरला मंदिर का परिचय : –
बिरला मंदिर जयपुर के प्रमुख हिंदू मंदिरों में से एक है, जिसे बिरला परिवार ने 1988 में बनवाया था। यह मंदिर भगवान विष्णु और लक्ष्मी को समर्पित है। बिरला मंदिर की वास्तुकला विशेष रूप से आकर्षक है, जिसमें सफेद संगमरमर से बने भव्य मंडप और मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई अद्भुत नक्काशी आपको मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर के भीतर एक सुंदर मूर्ति स्थापित है, जो भगवान विष्णु और लक्ष्मी की हैं। मंदिर का शांतिपूर्ण वातावरण और शानदार स्थापत्य इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाता है। मंदिर के पास एक सुंदर उद्यान और झील भी है, जहां आप कुछ समय आराम से बिता सकते हैं।
मंदिर तक कैसे जाएं : –
बिरला मंदिर तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह स्थान जयपुर के प्रमुख मार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर आप सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहते हैं तो शहर की सिटी बस सेवा भी उपलब्ध है।
प्रवेश शुल्क : –
बिरला मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला है, और मंदिर के अंदर एक शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यान और पूजा की जा सकती है।
बिरला मंदिर, जयपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो न केवल अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ का शांत वातावरण और धार्मिक महत्व भी इसे एक विशेष स्थान बनाता है। यदि आप जयपुर की यात्रा कर रहे हैं, तो बिरला मंदिर को अपनी यात्रा में शामिल करना एक आवश्यक अनुभव है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यहां का शांतिपूर्ण वातावरण आपको मानसिक शांति भी देता है।
9 चोखी धानी (Chokhi Dhani), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
चोखी धानी जयपुर शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर है और हवाई अड्डे से करीब 12 किलोमीटर दूर है। यह स्थल राजस्थान के ग्रामीण और सांस्कृतिक जीवन को प्रदर्शित करने के लिए प्रसिद्ध है। चोखी धानी तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग करना सबसे सुविधाजनक है।
चोखी धानी का परिचय : –
चोखी धानी एक सांस्कृतिक थीम पार्क है, जो राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति, खानपान, और लोककला को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। यह 1989 में शुरू किया गया था और यहां आप राजस्थान के गांवों की पारंपरिक जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं। इस स्थल पर राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य, कठपुतली शो, ऊंट की सवारी, पारंपरिक खेल, और हेंडीक्राफ्ट का बाजार देखने को मिलता है। यहाँ का मुख्य आकर्षण राजस्थानी भोजन है, जिसे पारंपरिक शैली में परोसा जाता है। चोखी धानी की सजावट और वातावरण पर्यटकों को राजस्थान के ग्रामीण जीवन की सच्ची झलक प्रदान करते हैं।
चोखी धानी तक कैसे जाएं : –
यह स्थान जयपुर-दौसा हाईवे पर स्थित है। आप यहाँ तक पहुँचने के लिए टैक्सी, निजी वाहन, या कैब सेवा का उपयोग कर सकते हैं। यह स्थान शहर के केंद्र से 30-45 मिनट की दूरी पर है।
प्रवेश शुल्क : –
– वयस्कों के लिए: ₹800 से ₹1200 (खाने सहित)
– बच्चों के लिए: ₹400 से ₹700
(सुविधाओं और सेवाओं के आधार पर शुल्क में बदलाव हो सकता है।)
चोखी धानी राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को जीवंत रूप में प्रदर्शित करने वाला एक अद्भुत स्थान है। यह पर्यटकों को न केवल राजस्थानी जीवनशैली का अनुभव कराता है, बल्कि यहां का पारंपरिक खाना, लोक नृत्य, और कला भी यादगार अनुभव प्रदान करते हैं। यदि आप जयपुर की यात्रा कर रहे हैं, तो चोखी धानी को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें।
10 अल्बर्ट हॉल म्यूजियम (Albert Hall Museum), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है और यह सिटी पैलेस से लगभग 1 किलोमीटर दूर है। यह म्यूजियम रामनिवास बाग में स्थित है, जो एक सुंदर उद्यान है। यह जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर और जयपुर एयरपोर्ट से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर है। इसका केंद्रीय स्थान इसे शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक बनाता है, जिसे आप आसानी से पैदल या सार्वजनिक परिवहन से पहुंच सकते हैं।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम का परिचय : –
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, जयपुर का सबसे पुराना और प्रमुख म्यूजियम है, जिसे 1887 में स्थापित किया गया था। यह म्यूजियम ब्रिटिश वास्तुकला के प्रभाव में बनवाया गया था और इसका नाम ब्रिटिश राजकुमार अल्बर्ट के नाम पर रखा गया है। यहाँ पर राजस्थानी संस्कृति, इतिहास और कला से संबंधित कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण वस्तुएं प्रदर्शित की जाती हैं। म्यूजियम में भारतीय और विदेशी कला के अद्भुत नमूने, ऐतिहासिक चित्र, धातु की मूर्तियाँ, आर्टिफैक्ट्स और शाही वस्त्र देखने को मिलते हैं। इसके प्रमुख आकर्षणों में शाही वस्त्र, राजपूत आर्ट, प्राचीन मूर्तियाँ और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं। रात के समय यह म्यूजियम खूबसूरत लाइटिंग के साथ और भी आकर्षक दिखता है, जो इसे रात में भी एक महत्वपूर्ण स्थल बना देता है।
म्यूजियम तक कैसे जाएं : –
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, और यह शहर के केंद्र में स्थित है, जिससे आप इसे आसानी से टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। अगर आप सिटी पैलेस से आ रहे हैं, तो आप इसे पैदल भी जा सकते हैं, क्योंकि दोनों स्थल एक-दूसरे के नजदीक हैं।
प्रवेश शुल्क : –
– भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹40
– विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹300
(यह शुल्क म्यूजियम के प्रवेश के लिए लिया जाता है।)
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाना है, जो भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास का अद्भुत संग्रह प्रस्तुत करता है। यह स्थल न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए, बल्कि कला और संस्कृति में रुचि रखने वाले सभी पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। जयपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए यह म्यूजियम एक जरूरी स्थान है।
11 राम निवास बाग (Ram Niwas Garden), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
राम निवास बाग जयपुर शहर के केंद्र में स्थित एक प्रमुख उद्यान है। यह शहर के सिटी पैलेस से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर है और इसके आस-पास के मुख्य स्थल जैसे अल्बर्ट हॉल म्यूजियम और जयपुर चिड़ियाघर भी स्थित हैं। यह स्थान जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर और जयपुर एयरपोर्ट से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राम निवास बाग का केंद्रीय स्थान इसे एक प्रमुख आकर्षण बनाता है, जिसे आप आसानी से पैदल या टैक्सी के जरिए पहुँच सकते हैं।
राम निवास बाग का परिचय : –
राम निवास बाग, जयपुर का एक ऐतिहासिक और सुंदर उद्यान है, जो 19वीं शताबदी में सवाई राम सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह उद्यान लगभग 33 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसमें कई आकर्षण शामिल हैं, जैसे अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, जयपुर चिड़ियाघर, और कुछ सुंदर झीलें। राम निवास बाग में हरियाली, फव्वारे, और सुंदर रास्ते आपको शांति और आराम का अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान खासकर उन पर्यटकों के लिए उपयुक्त है जो प्रकृति से जुड़ने और आरामदायक समय बिताने की तलाश में होते हैं। यहाँ पर चलने के लिए सुंदर पथ, बगीचे और झीलें हैं, जहाँ आप आराम से घूम सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ का वातावरण भी बहुत शांतिपूर्ण और ताजगी से भरा होता है।
बाग तक कैसे जाएं : –
राम निवास बाग जयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में स्थित है। आप यहाँ तक आसानी से टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या निजी वाहन से पहुँच सकते हैं। यदि आप सिटी पैलेस से आ रहे हैं तो यह केवल कुछ मिनटों की दूरी पर है और आप इसे पैदल भी जा सकते हैं।
प्रवेश शुल्क : –
राम निवास बाग में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यह एक सार्वजनिक उद्यान है और पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
राम निवास बाग, जयपुर का एक प्रमुख और सुंदर उद्यान है, जो न केवल शहर की हरियाली और शांति को दर्शाता है, बल्कि यहाँ के अन्य आकर्षण जैसे अल्बर्ट हॉल म्यूजियम और चिड़ियाघर भी इसे एक संपूर्ण अनुभव बनाते हैं। यदि आप जयपुर की यात्रा कर रहे हैं और प्रकृति, कला, और ऐतिहासिक स्थलों का आनंद लेना चाहते हैं, तो राम निवास बाग जरूर जाएं। यहाँ का वातावरण आपको ताजगी और शांति का अनुभव कराएगा।
12 नैतिक मठ (Naitik Math), – यात्रा
स्थान और दूरी : –
नैतिक मठ जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मठ जयपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित है और सिटी पैलेस से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्थल जयपुर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है, जो एक शांतिपूर्ण और धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यह स्थान पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो ध्यान, साधना और आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं।
नैतिक मठ का परिचय : –
नैतिक मठ एक धार्मिक स्थल है, जिसे विशेष रूप से साधकों और ध्यानियों के लिए बनाया गया है। यह मठ एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है, जहां लोग आत्मिक शांति और ध्यान का अनुभव कर सकते हैं। यह मठ न केवल धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यहाँ के वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मठ के परिसर में विभिन्न पूजा स्थल और ध्यान कक्ष हैं, जहां साधक ध्यान और साधना करते हैं। यहाँ की भव्य और सादगीपूर्ण वास्तुकला दर्शकों को शांति और संतुलन का अनुभव कराती है।
मठ तक कैसे जाएं : –
नैतिक मठ तक पहुँचने के लिए आप जयपुर के प्रमुख स्थानों से टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। यह मठ जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित है, और अगर आप शहर के केंद्र से आ रहे हैं तो आपको लगभग 20-30 मिनट की यात्रा करनी पड़ सकती है। सार्वजनिक परिवहन भी उपलब्ध है, लेकिन निजी वाहन यात्रा को अधिक सुविधाजनक बना सकते हैं।
प्रवेश शुल्क : –
नैतिक मठ में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यह एक धार्मिक स्थल है, और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है।
नैतिक मठ जयपुर का एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थल है, जो विशेष रूप से ध्यान और साधना के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो शांति और संतुलन की तलाश में हैं। यहां का वातावरण शांति और एकाग्रता का अनुभव प्रदान करता है, जिससे यह एक अद्भुत धार्मिक यात्रा स्थल बनता है। जयपुर की यात्रा करते समय नैतिक मठ एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि मानसिक शांति के लिए भी उपयुक्त है।
13 सांसार चौक (Samsar Chowk), – यात्रा
स्थान और दूरी : –
सांसार चौक जयपुर शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में स्थित है। यह चौक जयपुर के मुख्य बाजारों और प्रमुख आकर्षणों के पास स्थित है, और सिटी पैलेस से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इसे शहर के केंद्र से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह स्थल जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर और वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां आप राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं का अनुभव कर सकते हैं।
सांसार चौक का परिचय : –
सांसार चौक जयपुर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, जो पुराने जयपुर शहर का हिस्सा है। यह चौक अपने खूबसूरत आर्किटेक्चर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर राजस्थानी कला और स्थापत्य का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। सांसार चौक में रंग-बिरंगे बाजार, पारंपरिक राजस्थानी वस्त्र, और हस्तशिल्प वस्तुओं के स्टॉल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहाँ के वातावरण में राजस्थान की रानी संस्कृति और स्थापत्य कला की झलक मिलती है। यह स्थान विशेष रूप से उन लोगों के लिए आदर्श है जो जयपुर के पुराने और पारंपरिक रूप को देखना चाहते हैं। चौक के आसपास कई कारीगर अपनी कला और शिल्प का प्रदर्शन करते हैं, जो दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव बनता है।
चौक तक कैसे जाएं : –
सांसार चौक जयपुर शहर के पुराने हिस्से में स्थित है, जो प्रमुख बाजारों और सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप इसे टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप जयपुर के सिटी पैलेस या हवामहल से आ रहे हैं, तो यह स्थल कुछ ही मिनटों की दूरी पर है, और आप इसे पैदल भी जा सकते हैं। सार्वजनिक परिवहन सेवा भी इस क्षेत्र तक उपलब्ध है।
प्रवेश शुल्क : –
सांसार चौक में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यह एक सार्वजनिक स्थल है और पर्यटकों के लिए खुला रहता है। आप यहां बिना किसी शुल्क के घूम सकते हैं और राजस्थानी कला एवं संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।
सांसार चौक जयपुर का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो राजस्थान की परंपराओं और वास्तुकला का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह चौक एक आदर्श स्थान है, जहाँ आप जयपुर की पुराने शहर की संस्कृति और कला को महसूस कर सकते हैं। अगर आप जयपुर के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को जानने की इच्छा रखते हैं, तो यह स्थल आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित होगा।
14 मोती डूंगरी किला (Moti Dungari Fort), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
मोती डूंगरी किला जयपुर शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है, और यह जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर तथा जयपुर एयरपोर्ट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यह किला अरावली पर्वत की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे जयपुर शहर से दूर एक शांतिपूर्ण और ऐतिहासिक स्थल बनाता है। यह किला मोती डूंगरी हिल पर स्थित होने के कारण, जयपुर शहर के विभिन्न प्रमुख स्थलों से थोड़ा दूर है, लेकिन आसानी से पहुँचा जा सकता है।
मोती डूंगरी किला का परिचय : –
मोती डूंगरी किला एक प्रमुख ऐतिहासिक किला है, जिसे जयपुर के संस्थापक, सवाई जय सिंह द्वितीय के समय में बनवाया गया था। यह किला वास्तुकला की दृष्टि से अद्भुत है और इसकी ऊँचाई से पूरे जयपुर शहर का दृश्य दिखाई देता है। किले की संरचना में राजपूत शैली की वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण देखने को मिलता है। किले के अंदर एक सुंदर मंदिर भी है, जो भगवान गणेश को समर्पित है और यहाँ प्रतिदिन पूजा होती है। किला बहुत ही शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित है, जो इसे एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल बना देता है। यहाँ से जयपुर शहर के नजारे और आसपास के पहाड़ी इलाकों की सुंदरता को देख सकते हैं।
किले तक कैसे जाएं : –
मोती डूंगरी किला तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। किला अरावली की पहाड़ी पर स्थित है, लेकिन वहाँ तक पहुँचने के लिए कच्ची सड़कों से यात्रा करनी होती है। जयपुर के मुख्य स्थलों से यह किला कुछ ही मिनटों की दूरी पर है, और यहां तक पहुँचने के लिए आपको टैक्सी या ऑटो-रिक्शा का सहारा लेना सबसे आसान तरीका है।
प्रवेश शुल्क : –
मोती डूंगरी किले में प्रवेश के लिए कोई विशेष शुल्क नहीं लिया जाता है। हालांकि, मंदिर में दर्शन करने के लिए कुछ न्यूनतम शुल्क लिया जा सकता है।
मोती डूंगरी किला जयपुर का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जो न केवल वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के शांतिपूर्ण वातावरण और भगवान गणेश के मंदिर के कारण भी दर्शनीय है। यह स्थल उन लोगों के लिए आदर्श है जो इतिहास, संस्कृति और धार्मिकता के साथ-साथ शानदार दृश्यावलियों का आनंद लेना चाहते हैं। जयपुर की यात्रा करते समय, मोती डूंगरी किला एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ आपको राजस्थानी संस्कृति और परंपरा का अनुभव होगा।
15 विक्रमशिला संग्रहालय (Vikramshila Museum), – यात्रा

स्थान और दूरी : –
विक्रमशिला संग्रहालय जयपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित है, और यह मुख्य शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। यह संग्रहालय विशेष रूप से राजस्थानी संस्कृति और इतिहास के समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करता है। यह स्थान प्रमुख पर्यटक आकर्षणों से कुछ दूरी पर है, लेकिन यहाँ पहुँचने के लिए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या निजी वाहन सबसे अच्छा तरीका है।
विक्रमशिला संग्रहालय का परिचय : –
विक्रमशिला संग्रहालय जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करने के लिए स्थापित किया गया था। यह संग्रहालय उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो राजस्थान के इतिहास, कला, और संस्कृति में गहरी रुचि रखते हैं। संग्रहालय में आपको प्राचीन मूर्तियाँ, शिल्पकला, चित्रकला, और राजस्थानी वस्त्रों का संग्रह देखने को मिलता है। यहाँ की प्रमुख प्रदर्शनी में राजा विक्रमादित्य से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को भी दर्शाया गया है, जो राजस्थानी इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इस संग्रहालय का उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करना है।
संग्रहालय तक कैसे जाएं : –
विक्रमशिला संग्रहालय जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, इसलिए आप यहाँ तक पहुँचने के लिए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या निजी वाहन का सहारा ले सकते हैं। यदि आप शहर के मुख्य स्थलों जैसे सिटी पैलेस या हवाई अड्डे से आ रहे हैं, तो यह लगभग 20-30 मिनट की ड्राइव पर है। जयपुर में सार्वजनिक परिवहन सेवा भी उपलब्ध है, लेकिन व्यक्तिगत परिवहन यात्रा को और सुविधाजनक बना सकता है।
प्रवेश शुल्क : –
विक्रमशिला संग्रहालय में प्रवेश के लिए सामान्यतः कोई शुल्क लिया जाता है। शुल्क की जानकारी संग्रहालय के समय पर आधारित हो सकती है, लेकिन आम तौर पर यह ₹20 से ₹50 के बीच होता है।
विक्रमशिला संग्रहालय जयपुर का एक अद्वितीय स्थल है, जो आपको राजस्थानी इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ प्रदान करता है। यदि आप राजस्थान के समृद्ध धरोहर और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो यह संग्रहालय आपके लिए एक अनिवार्य यात्रा स्थल है। यहाँ की ऐतिहासिक वस्तुएँ, शिल्पकला और मूर्तियाँ जयपुर के समृद्ध इतिहास को जीवित रखती हैं। संग्रहालय की यात्रा से आपको राजस्थान की समृद्ध संस्कृति का गहरा अनुभव होगा, जो एक ऐतिहासिक और शैक्षिक यात्रा के रूप में अद्वितीय है।
जयपुर यात्रा की व्यवस्था और खर्चे :-
जयपुर, राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक गौरव को दर्शाने वाला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर घूमने के लिए बहुत कुछ है, और यात्रा की व्यवस्था और खर्चे आपकी यात्रा के अनुभव को प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में हम जयपुर जाने के विभिन्न विकल्पों और होटल से लेकर शॉपिंग के खर्चे तक की जानकारी प्रदान करेंगे।
A. हवाई यात्रा (Flight)
जयपुर का अपना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जिसे “सवाई मानसिंह एयरपोर्ट” कहा जाता है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जयपुर पहुंचने के लिए फ्लाइट सबसे तेज़ और सुविधाजनक विकल्प है। फ्लाइट की कीमत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे मौसम, एयरलाइन्स और बुकिंग का समय।
आम तौर पर, एकतरफा फ्लाइट टिकट की कीमत ₹2000 से ₹6000 तक हो सकती है। हालांकि, यदि आप अग्रिम बुकिंग करते हैं या ऑफ-सीज़न में यात्रा करते हैं, तो आपको सस्ती फ्लाइट्स भी मिल सकती हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह विकल्प बहुत सुविधाजनक और आरामदायक है।
B. रेलवे (Train)
जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, जिससे रेल यात्रा एक अच्छा विकल्प बनती है। रेलवे यात्रा भारत के विभिन्न वर्गों के लिए उपलब्ध है, जैसे स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी।
– स्लीपर क्लास का किराया ₹200 से ₹500 तक हो सकता है।
– थर्ड एसी का किराया ₹600 से ₹1000 तक होता है।
– सेकंड एसी और फर्स्ट एसी का किराया ₹1000 से ₹1500 के बीच हो सकता है, जो ट्रेन की सुविधा और क्लास के अनुसार बदलता है।
रेल यात्रा की एक बड़ी खासियत यह है कि यह न केवल सस्ती होती है, बल्कि आप भारतीय ग्रामीण इलाकों के दृश्य भी देख सकते हैं।
C. सड़क मार्ग (By Road)
जयपुर शहर सड़क मार्ग से भी भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, आगरा, और अन्य प्रमुख शहरों से जयपुर के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आप निजी कार या कैब भी किराए पर ले सकते हैं।
– बस सेवाएं ₹500 से ₹2000 तक हो सकती हैं, जो बस के प्रकार (स्लीपर या सेमी-डीलक्स) पर निर्भर करता है।
– टैक्सी या कैब का किराया ₹2000 से ₹5000 तक हो सकता है, जो दूरी और वाहन के प्रकार पर निर्भर करेगा।
सड़क मार्ग से यात्रा करते समय, आप रास्ते में अन्य आकर्षक स्थल भी देख सकते हैं, जो यात्रा को और रोमांचक बनाते हैं।
होटल्स और रुकने की व्यवस्था, किराए :-
जयपुर में हर बजट के लिए रुकने के विकल्प उपलब्ध हैं। यहां सस्ते गेस्ट हाउस से लेकर शानदार 5-सितारा रिसॉर्ट्स तक कई प्रकार के होटल हैं।
लो-बजट (₹1000 से ₹5000 तक) : –
1. Hotel Kesar Palace – ₹1,500 से ₹3,500 प्रति रात
2. Hotel Rajdhani – ₹1,200 से ₹2,800 प्रति रात
3. Pink City Hostel – ₹1,000 से ₹2,500 प्रति रात
4. Hotel Pearl Palace – ₹1,500 से ₹3,500 प्रति रात
5. Zostel Jaipur – ₹1,000 से ₹2,500 प्रति रात
6. Zostel Jaipur – ₹1,000 से ₹2,500 प्रति रात
बजट होटल वे पर्यटक पसंद करते हैं जो सस्ती और आरामदायक जगह चाहते हैं। ये होटल अधिकतर शहर के मुख्य क्षेत्रों में स्थित होते हैं और आपको बेसिक सुविधाएं जैसे वाईफाई, एयर कंडीशनिंग, और नाश्ता प्रदान करते हैं।
मिड-रेंज (₹5500 से ₹12,000 तक) : –
1. Royal Amer – ₹6,000 से ₹9,000 प्रति रात
2. Chokhi Dhani Resort – ₹6,500 से ₹10,500 प्रति रात
3. Trident Jaipur – ₹8,500 से ₹12,000 प्रति रात
4. Shahpura House – ₹6,000 से ₹10,500 प्रति रात
5. Alsisar Haveli – ₹7,500 से ₹12,000 प्रति रात
6. Clarks Amer Jaipur – ₹6,500 से ₹11,000 प्रति रात
7. Four Points by Sheraton – ₹8,000 से ₹12,000 प्रति रात
यह श्रेणी उन यात्रियों के लिए उपयुक्त है जो थोड़ा और आराम और सेवाएं चाहते हैं, लेकिन महंगे लक्ज़री रिसॉर्ट्स के लिए बजट नहीं रखते। इन होटलों में आपको अच्छा एंटरटेनमेंट, खाने-पीने की सेवाएं, और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं मिल सकती हैं।
विशेष भोजन : –
जयपुर की विशिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने का कोई अवसर न छोड़ें। यहाँ के कुछ प्रमुख खास पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
– दाल बाटी चुरमा: यह राजस्थान का प्रमुख पारंपरिक भोजन है। इसमें दाल, बाटी और चुरमा का संयोजन होता है।
– गट्टे की सब्जी: यह बेसन से बनी गोलियों वाली एक मसालेदार सब्जी है।
– छाछ और लस्सी: जयपुर की प्रसिद्ध ठंडी लस्सी को चखना न भूलें, जो गर्मी के दिनों में राहत देती है।
– प्याज़ कचौरी और समोसा: जयपुर में इन स्नैक्स का खास आनंद लिया जा सकता है।
– बाजरे की रोटी और लहसुन की चटनी: राजस्थान की ग्रामीण स्वाद का अनुभव।
– मालपुआ और घेवर: पारंपरिक मिठाइयाँ।
शॉपिंग और बाजार :-
जयपुर का शॉपिंग अनुभव बहुत ही खास होता है। यहां के प्रमुख बाजारों में आपको न केवल पारंपरिक और शाही वस्त्र मिलते हैं, बल्कि जयपुर की संस्कृति से जुड़ी बहुत सारी चीज़ें भी मिलती हैं।
– विब्रम मार्ग (Bapu Bazaar): यह बाजार जयपुर के सबसे लोकप्रिय बाजारों में से एक है। यहां पर आपको पारंपरिक चूड़ियाँ, कपड़े, शॉल, और आर्टिफैक्ट्स मिल सकते हैं।
– पंच बत्तियाँ (Johari Bazaar): यह बाजार खास तौर पर गहनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्रसिद्ध गहनों की दुकानें आपको शानदार डिज़ाइनों और किमती रत्नों से सजी मिलेंगी।
– सांवला बाजार (Sanganeri Gate): यह बाजार खास तौर पर कपड़ों और घरेलू सामानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको पारंपरिक राजस्थानी वस्त्र और हैंडमेड सामान मिल सकते हैं।
यात्रा के दौरान सावधानियां :-
A. जलवायु: जयपुर का मौसम गर्म और शुष्क होता है। गर्मियों में (अप्रैल से जून) यहां का तापमान 45°C तक पहुंच सकता है। इसलिए हल्के और आरामदायक कपड़े पहनना बेहतर रहेगा।
B. पानी: गर्मी में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए हमेशा पानी की बोतल साथ रखें।
C. सुरक्षा: बाजारों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सतर्क रहें और अपने सामान का ध्यान रखें।
निष्कर्ष :-
जयपुर, ऐतिहासिक धरोहर, समृद्ध संस्कृति और खूबसूरत वास्तुकला का अद्भुत संगम है। jaipur tour यहां की महलों, किलों और मंदिरों का दौरा आपको राजस्थान की समृद्ध विरासत से रूबरू कराएगा। यहां के बाजारों में शॉपिंग और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना भी एक अलग अनुभव है। इन सभी आकर्षणों को ध्यान में रखते हुए, जयपुर की यात्रा trip to jaipur को अविस्मरणीय बनाने के लिए उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखें। jaipur places one day information hindi मे यह आर्टिकल अगर आपको यह लेख अच्छी लगी हो, तो इसे facebook, whatsapp पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट trendind.in के साथ। धन्यवाद!