राजस्थान यात्रा गाइड: 18 प्रमुख पर्यटन स्थल, आकर्षण, समय, यात्रा खर्च और अन्य जानकारी
राजस्थान, भारत का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है, जो अपनी ऐतिहासिक किलों, महलों, झीलों, रेगिस्तानी दृश्य और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की संस्कृति, कला, वास्तुकला और वन्य जीवन पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करते हैं। इस लेख में हम rajsthan places to visit के 18 प्रमुख पर्यटन स्थलों, उनके आकर्षण, यात्रा समय, यात्रा खर्च और अन्य आवश्यक जानकारी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
राजस्थान: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का खजाना :-
राजस्थान, भारत का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है, जो अपनी अद्भुत ऐतिहासिक किलों, महलों, झीलों, रेगिस्तानी दृश्यों और धार्मिक स्थलों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक कला, वास्तुकला और विविध वन्य जीवन हर साल लाखों rajsthan tourist को आकर्षित करते हैं। राजस्थान का हर कोना इतिहास और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जहां प्राचीन किलों की विशालता, राजसी महलों का आकर्षण और खूबसूरत झीलों की शांति आपको मंत्रमुग्ध कर देती है।
राजस्थान में सबसे अच्छी जगह best place in rajsthan में यात्रा करने के लिए प्रमुख स्थल जैसे जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, और जोधपुर प्रमुख हैं। जयपुर को “पिंक सिटी” और उदयपुर को “झीलों का शहर” कहा जाता है। वहीं, जैसलमेर की स्वर्ण नगरी और रणथम्भौर का बाघ अभयारण्य पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करते हैं।
इन स्थलों पर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम सुहावना होता है। यात्रा खर्च आपके राजस्थान यात्रा rajsthan travel के प्रकार और स्थान पर निर्भर करता है, जो औसतन ₹1500 से ₹7000 प्रति व्यक्ति हो सकता है। राजस्थान में आपको केवल ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति, भोजन और हस्तशिल्प का भी अद्भुत अनुभव मिलेगा। अगर आप राजस्थान में घूमने की जगह देखना place to visit in rajsthan चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, इसमें हम राजस्थान घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1 जयपुर (Jaipur) – पिंक सिटी
जयपुर, जिसे “पिंक सिटी” के नाम से जाना जाता है, राजस्थान की राजधानी और एक ऐतिहासिक शहर है, जो भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और इतिहास का अद्भुत संगम है। शहर का नाम इसके पुराने गुलाबी रंग के भवनों से पड़ा है, जो इसे एक विशेष पहचान और आकर्षण प्रदान करते हैं। जयपुर भारतीय महाराजाओं की भव्यता और शाही जीवनशैली का प्रतीक है, जहाँ हर कोने में इतिहास और कला की झलक मिलती है।

मुख्य आकर्षण:
1. आमेर किला – जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित यह किला राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। किले के अंदर के बगीचे, हवेलियाँ और शानदार दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
2. हवा महल – यह महल अपनी अनोखी खिड़कियों और जालीदार संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से शहर का दृश्य बेहद खूबसूरत लगता है।
3. सिटी पैलेस – यह महल जयपुर के शाही परिवार का निवास है और यहाँ का संग्रहालय राजस्थान की संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है।
4. जंतर मंतर – यह एक विशाल खगोलशास्त्र यंत्र है, जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह भारतीय खगोलशास्त्र की अद्वितीयता का प्रतीक है।
5. नाहरगढ़ किला और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम – ये स्थल जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, जो शहर के समृद्ध अतीत को जीवित रखते हैं।
समय: जयपुर के किलों और महलों का दौरा आप 9:00 AM से 5:00 PM तक कर सकते हैं।
यात्रा खर्च: अगर आप जयपुर में 2-3 दिन रुकते हैं, तो यात्रा का खर्च ₹3000 से ₹6000 तक हो सकता है, जिसमें आवास, भोजन और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: जयपुर का एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करना भी सुविधाजनक है, जो लगभग 5-6 घंटे का समय लेता है।
जयपुर, भारतीय इतिहास और संस्कृति का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहाँ राजस्थानी कला, वास्तुकला और सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। यह जयपुर शहर के पर्यटन स्थल jaipur city tourist places हर प्रकार के पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थल है।
2 उदयपुर (Udaipur ) – झीलों का शहर
उदयपुर, जिसे “झीलों का शहर” भी कहा जाता है, राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है जो अपनी झीलों, महलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह शहर राजस्थानी शाही संस्कृति और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। उदयपुर देखने के लिए सबसे अच्छी जगहें best places to see उदयपुर की झीलें, खासकर पिछोला और फतेह सागर, इसे एक रोमांटिक और शांतिपूर्ण स्थल बनाती हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. सिटी पैलेस – यह महल उदयपुर का सबसे प्रसिद्ध स्थल है, जो अपनी भव्यता और खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। महल के अंदर राजस्थानी शाही जीवनशैली की झलक मिलती है।
2. लेक पैलेस – यह पैलेस पिछोला झील के बीच स्थित एक शानदार महल है। इसका दृश्य बेहद आकर्षक है और इसे एक शानदार हॉटल के रूप में भी तब्दील किया गया है।
3. पिछोला झील – उदयपुर की यह झील शहर का प्रमुख आकर्षण है, जहां बोटिंग का अनुभव किया जा सकता है।
4. सज्जनगढ़ पैलेस (मोनसून पैलेस) – यह किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, और यहां से पूरे उदयपुर शहर और झीलों का दृश्य अद्भुत होता है।
5. जगदीश मंदिर – यह प्राचीन हिंदू मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, और इसकी वास्तुकला भी बहुत ही आकर्षक है।
समय: उदयपुर के अधिकांश दर्शनीय स्थल 9:00 AM से 7:00 PM तक खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: उदयपुर की 2 दिन की यात्रा का खर्च ₹3500 से ₹7000 के बीच हो सकता है, जिसमें आवास, भोजन, और यात्रा का खर्च शामिल है।
कैसे पहुँचे: उदयपुर का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट शहर से करीब 22 किमी दूर स्थित है और यह प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, उदयपुर का रेलवे स्टेशन भी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से भी उदयपुर पहुँचना आसान है।
उदयपुर शहर के दर्शनीय स्थल city places to visit एक खूबसूरत और शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल है जहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों और राजस्थानी संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
3 जोधपुर (Jodhpur) – ब्लू सिटी
जोधपुर, जिसे “ब्लू सिटी” के नाम से जाना जाता है, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर शहर है। इस शहर को ब्लू सिटी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ के अधिकांश घर नीले रंग के होते हैं, जो पूरे शहर को एक अनोखी पहचान देते हैं। जोधपुर का शाही इतिहास और स्थापत्य कला इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं, जहाँ किले, महल और मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. मेहरानगढ़ किला – जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध स्थल, यह किला शहर के ऊपर स्थित है और यहां से पूरे जोधपुर शहर का एक शानदार दृश्य दिखाई देता है। किले के अंदर ऐतिहासिक संग्रहालय, महल और दीवाने-आम जैसी ऐतिहासिक संरचनाएँ हैं।
2. उमैद भवन पैलेस – यह पैलेस जोधपुर के शाही परिवार का निवास स्थान है। इसकी वास्तुकला बहुत ही आकर्षक और अद्वितीय है। आज यह पैलेस एक होटल और संग्रहालय के रूप में इस्तेमाल हो रहा है।
3. जसवंत थड़ा – यह संगमरमर से बना स्मारक जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह के सम्मान में बनाया गया था। यह स्थल शांति और सुंदरता का प्रतीक है, और यहाँ की वास्तुकला पर्यटकों को आकर्षित करती है।
4. सुमेर महल – जोधपुर के ऐतिहासिक महलों में से एक, सुमेर महल अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
समय: जोधपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थल आमतौर पर सुबह 9:00 AM से शाम 5:00 PM तक खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: जोधपुर में 2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2500 से ₹5000 तक हो सकता है, जिसमें आवास, भोजन और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: जोधपुर का एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से भी जोधपुर पहुँचने के लिए दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद से बस या कार द्वारा यात्रा करना आसान है।
जोधपुर, राजस्थानी संस्कृति, इतिहास और वास्तुकला के प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन गंतव्य है। यहाँ के किले, महल और नीले घरों के बीच घूमना एक अविस्मरणीय जोधपुर के पास देखने योग्य स्थान places to see near jodhpur का अनुभव होता है।
4 जैसलमेर (Jaisalmer) – स्वर्ण नगरी
जैसलमेर, जिसे “स्वर्ण नगरी” के नाम से जाना जाता है, राजस्थान का एक अद्भुत और ऐतिहासिक शहर है, जो थार रेगिस्तान के मध्य स्थित है। इस शहर को उसकी सुनहरी रेत, किलों, हवेलियों और रेगिस्तानी संस्कृति के लिए जाना जाता है। जैसलमेर घूमने योग्य स्थान places to visit यहाँ किला और उसकी भव्य हवेलियाँ इसे एक शानदार पर्यटन स्थल बनाती हैं, जहां पर्यटक राजस्थान की शाही संस्कृति और रेगिस्तानी जलवायु का अनुभव कर सकते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. जैसलमेर किला – जैसलमेर किला शहर के केंद्र में स्थित है और यह पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है, जिससे इसे “स्वर्ण किला” भी कहा जाता है। यह किला UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसकी भव्यता और वास्तुकला पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
2. पटवों की हवेली – यह हवेली जैसलमेर की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक हवेलियों में से एक है, जो अपनी जटिल नक्काशी और अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
3. सम सैंड ड्यून्स – यह जैसलमेर का सबसे प्रमुख आकर्षण है, जहाँ पर्यटक ऊँट की सवारी का आनंद लेते हैं और रेगिस्तान की सुनहरी रेत पर सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहाँ के शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य में हर कोई खो जाता है।
4. खब्बा किला – जैसलमेर से कुछ दूर स्थित यह किला एक शानदार दृश्य प्रदान करता है, जहाँ से रेगिस्तान का विस्तृत दृश्य दिखाई देता है। यह स्थल शांति और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।
समय: जैसलमेर के प्रमुख दर्शनीय स्थल सामान्यतः 9:00 AM से 6:00 PM तक खुले रहते हैं। रेगिस्तान में ऊँट की सवारी और सूर्यास्त का अनुभव करने के लिए सुबह और शाम का समय आदर्श है।
यात्रा खर्च: जैसलमेर में 2-3 दिन की यात्रा का औसत खर्च ₹3500 से ₹7000 के बीच हो सकता है, जिसमें आवास, भोजन, यात्रा और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: जैसलमेर का रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है, जिससे यहाँ पहुँचना बहुत आसान है। सड़क मार्ग से भी जैसलमेर जोधपुर और बीकानेर जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है।
जैसलमेर पर्यटन स्थल jaisalmer tourist spot यात्रा एक अद्भुत और रोमांचक अनुभव है, जहाँ आप रेगिस्तान की आभा, शाही किलों और हवेलियों का आनंद ले सकते हैं और राजस्थान की पुरानी संस्कृति और धरोहर का अनूठा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
5 बीकानेर (Bikaner) – रेगिस्तानी किला
बीकानेर, जो राजस्थान के उत्तर में स्थित है, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है। यह शहर थार रेगिस्तान के किनारे बसा हुआ है और अपनी शाही किलों, मंदिरों और जीवंत लोक कला के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर को उसके अद्भुत किलों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है, जिसमें जूनागढ़ किला, करणी माता मंदिर और लोक कला संग्रहालय शामिल हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. जूनागढ़ किला – यह किला बीकानेर का सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक स्थल है, जिसे राजा राई सिंह द्वारा 1589 में बनवाया गया था। किले में भव्य महल, जटिल वास्तुकला और सुंदर बाग-बगिचे हैं, जो उसकी शाही भव्यता को दर्शाते हैं। किले का संग्रहालय भी बहुत दिलचस्प है, जहाँ बीकानेर के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी जानकारी मिलती है।
2. करणी माता मंदिर (चूहों का मंदिर) – यह मंदिर बीकानेर से करीब 30 किमी दूर देस्नोक में स्थित है और यहाँ चूहों की पूजा की जाती है। यह एक अद्वितीय मंदिर है, जहां लाखों चूहे रहते हैं और मान्यता है कि ये चूहे देवी की पवित्र आत्माएँ हैं।
3. लोक कला संग्रहालय – बीकानेर का लोक कला संग्रहालय राजस्थान की पारंपरिक कला, शिल्प, और संस्कृति का बेहतरीन संग्रह प्रस्तुत करता है। यहाँ रेजीमेंट्स, कपड़े, आभूषण, और प्राचीन वस्तुएं देखी जा सकती हैं, जो राजस्थान के सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं।
समय: बीकानेर के प्रमुख स्थलों का दौरा 9:00 AM से 6:00 PM के बीच किया जा सकता है। जूनागढ़ किला और करणी माता मंदिर के समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है, लेकिन आमतौर पर ये स्थल इस समय सीमा के भीतर खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: बीकानेर की 2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2500 से ₹4500 के बीच हो सकता है, जिसमें आवास, भोजन, यात्रा और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: बीकानेर का रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। दिल्ली, जयपुर, और अन्य प्रमुख शहरों से बीकानेर तक ट्रेन या फ्लाइट द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से भी यहाँ पहुँचना सरल है।
बीकानेर राजस्थान के रेगिस्तानी शहरों में एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है। यहाँ की संस्कृति, वास्तुकला और धार्मिक स्थल पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव प्रदान करते हैं।
6 नाथद्वारा (Nathdwara) – श्रीनाथ जी का मंदिर
नाथद्वारा, जो राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यहाँ स्थित श्रीनाथ जी का मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के 7 वर्षीय बाल रूप को समर्पित है और विशेष रूप से वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नाथद्वारा का धार्मिक महत्व और यहाँ की आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।

मुख्य आकर्षण:
1. श्रीनाथ जी का मंदिर – यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर और अद्वितीय है, जो राजस्थानी शैली में निर्मित है। यहाँ रोजाना अर्चना, भोग, और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जो भक्तों को शांति और आध्यात्मिक सुख प्रदान करते हैं। मंदिर का वातावरण अत्यधिक शांतिपूर्ण और समर्पण से भरा हुआ होता है।
2. सांस्कृतिक अनुभव – नाथद्वारा केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यहाँ की पारंपरिक संगीत और नृत्य भी धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा होते हैं। यहां के आयोजन और मेले भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण होते हैं, जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
समय: श्रीनाथ जी का मंदिर सुबह 5:00 AM से लेकर रात 9:00 PM तक खुला रहता है। मंदिर में विभिन्न पूजा और दर्शन समय निर्धारित होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। विशेष रूप से, सुबह और शाम की आरती भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
यात्रा खर्च: नाथद्वारा की एक दिन की यात्रा पर ₹1000 से ₹2000 तक का खर्च आ सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन और अन्य आवश्यक खर्च शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: नाथद्वारा, उदयपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए बस या टैक्सी का विकल्प उपलब्ध है। उदयपुर से नाथद्वारा तक का रास्ता अच्छा है और यात्रा लगभग 1 से 1.5 घंटे में पूरी की जा सकती है। इसके अलावा, नाथद्वारा का निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा भी उदयपुर में स्थित है, जिससे यहाँ पहुँचना काफी सुविधाजनक है।
नाथद्वारा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थान राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ की शांति और आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति का अहसास कराता है।
7 किशनगढ़ (Kishangarh) – पेंटिंग और किले
किशनगढ़, जो राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर शहर है। यह शहर खासतौर पर अपनी अद्वितीय मारवाड़ी पेंटिंग कला और शाही किलों के लिए प्रसिद्ध है। किशनगढ़ पेंटिंग की अपनी विशिष्ट शैली के लिए जाना जाता है, जिसे “किशनगढ़ स्कूल ऑफ पेंटिंग” कहा जाता है। यह शहर कला, संस्कृति और इतिहास का अद्भुत संगम है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

मुख्य आकर्षण:
1. किशनगढ़ किला – किशनगढ़ किला शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह किला राजपूत शैली में निर्मित है और यहाँ से पूरे शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। किले में प्राचीन महल, बगीचे और किलें की संरचनाएँ हैं, जो शाही युग की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं। यह स्थल इतिहास और वास्तुकला के शौकिनों के लिए आदर्श है।
2. मारवाड़ी पेंटिंग कला – किशनगढ़ पेंटिंग कला, जिसे किशनगढ़ स्कूल ऑफ पेंटिंग कहा जाता है, भारतीय चित्रकला का प्रमुख उदाहरण है। इस कला में राजस्थानी और मुग़ल शैली का मिश्रण होता है। विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के जीवन के विभिन्न पहलुओं की चित्रकला प्रमुख होती है। इन चित्रों की नाजुकता और रंगों का चयन बहुत ही आकर्षक और दिल को छूने वाला होता है।
3. नाथद्वारा शैली पेंटिंग्स – किशनगढ़ की पेंटिंग्स में भगवान श्री कृष्ण के चित्रण को बेहद सुंदर और भावनात्मक तरीके से उकेरा जाता है। इन चित्रों में रंगों और भावनाओं का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है, जो भारतीय चित्रकला के शौकिनों के लिए खास आकर्षण का कारण बनता है।
समय: किशनगढ़ के प्रमुख दर्शनीय स्थल सामान्यतः 9:00 AM से 5:00 PM तक खुले रहते हैं। आप दिनभर किले का भ्रमण कर सकते हैं और कला केंद्रों का दौरा कर सकते हैं।
यात्रा खर्च: किशनगढ़ की यात्रा का खर्च ₹1500 से ₹3000 के बीच हो सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन और प्रवेश शुल्क शामिल हैं। यदि आप 1-2 दिन यहाँ रुकते हैं, तो यह खर्च हो सकता है।
कैसे पहुँचे: किशनगढ़, अजमेर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है। अजमेर का रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा किशनगढ़ के निकट स्थित हैं, जिससे यात्रा करना बेहद आसान हो जाता है।
किशनगढ़ एक अद्वितीय पर्यटन स्थल है, जहाँ आप राजस्थान की कला, संस्कृति और इतिहास का बेहतरीन अनुभव ले सकते हैं। यहाँ के किले और पेंटिंग्स भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रूप में दर्शाते हैं।
8 चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) – किलों का शहर
चित्तौड़गढ़, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है, जिसे “किलों का शहर” भी कहा जाता है। यह शहर अपनी भव्य किलों, महलों, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ किला, जो यहाँ का प्रमुख आकर्षण है, भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण कड़ी को जोड़ता है और यह राजस्थान के प्रमुख किलों में से एक है। यहाँ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वीरता और शौर्य की कहानियाँ आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. चित्तौड़गढ़ किला – यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है और UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। किले के अंदर कई महल, मंदिर, और अन्य संरचनाएँ हैं जो इसकी भव्यता को दर्शाती हैं। किले का इतिहास युद्ध, वीरता, और बलिदान से जुड़ा हुआ है, और यहाँ की दीवारों पर वीर राजपूतों की गाथाएँ सुनाई देती हैं।
2. विजय स्तंभ – यह स्तंभ किले के भीतर स्थित है और इसे राजा कुम्भा ने 15वीं शताबदी में बनवाया था। विजय स्तंभ की ऊँचाई 37 मीटर है और यह किले के भीतर एक प्रमुख स्थल है। यह स्तंभ मौर्य कला की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत करता है और राजपूत साम्राज्य की विजय का प्रतीक है।
3. पद्मिनी महल – यह महल राजपूत रानी पद्मिनी से जुड़ा हुआ है, और यहाँ की खूबसूरती तथा ऐतिहासिक महत्व के कारण यह भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है। महल के भीतर रानी के अद्भुत जीवन और उनके बलिदान की गाथाएँ जुड़ी हुई हैं।
4. कीर्तिस्तंभ – यह स्तंभ विजय स्तंभ के समीप स्थित है और इसे भी कुम्भा ने बनवाया था। यह राजपूत शौर्य और कला का प्रतीक है।
समय: चित्तौड़गढ़ किला और अन्य प्रमुख स्थल आमतौर पर 9:00 AM से 6:00 PM तक खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: चित्तौड़गढ़ की यात्रा का खर्च ₹2500 से ₹5000 के बीच हो सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और प्रवेश शुल्क शामिल हैं। यदि आप 1-2 दिन रुकते हैं तो यह खर्च हो सकता है।
कैसे पहुँचे: चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन और बस सेवा से अन्य प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, उदयपुर, जयपुर और अन्य प्रमुख शहरों से बस या ट्रेन के द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के इतिहास, कला, और संस्कृति का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ का किला, विजय स्तंभ और अन्य ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को भारतीय वीरता और शौर्य की याद दिलाते हैं। चित्तौड़गढ़ की यात्रा ऐतिहासिक स्थलों और शाही धरोहर को समझने का अद्भुत अनुभव देती है।
9 रणथम्भौर (Ranthambore) – नेशनल पार्क
रणथम्भौर, राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित, रणथम्भौर नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है। यह पार्क विशेष रूप से बाघों के लिए जाना जाता है और भारतीय वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक प्रमुख स्थल बन चुका है। यहाँ पर बाघों के अलावा तेंदुए, जंगली सूअर, हाथी, हिरण और अन्य वन्यजीवों को देखा जा सकता है। पार्क की प्राकृतिक सुंदरता और यहाँ स्थित रणथम्भौर किला इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. रणथम्भौर नेशनल पार्क – यह पार्क भारत के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है। यहाँ पर्यटक बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए सफारी का आनंद लेते हैं। पार्क की खूबसूरती जंगल, झीलों और खड़ी पहाड़ियों से घिरी हुई है, जो इसे एक अद्वितीय पर्यटक स्थल बनाते हैं।
2. रणथम्भौर किला – 10वीं शताबदी में बना यह किला रणथम्भौर पार्क के भीतर स्थित है। यह ऐतिहासिक किला अपनी प्राचीन संरचनाओं और मंदिरों के साथ पर्यटकों को आकर्षित करता है। किले से पार्क का शानदार दृश्य देखा जा सकता है, जो इसे एक लोकप्रिय स्थल बनाता है।
3. वन्यजीव सफारी – रणथम्भौर में जंगल सफारी की व्यवस्था की जाती है, जहाँ पर्यटक बाघ, तेंदुए, मृग और अन्य वन्यजीवों को नजदीक से देख सकते हैं। सफारी के दौरान वन्यजीवों के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी मिलती है, जो सफारी को और भी रोमांचक बनाती है।
समय: रणथम्भौर नेशनल पार्क आमतौर पर 6:00 AM से 6:00 PM तक खुला रहता है। सफारी सुबह और शाम के समय आयोजित की जाती है, क्योंकि इस समय जानवरों को देखने का सबसे अच्छा मौका होता है।
यात्रा खर्च: रणथम्भौर की 2 दिन की यात्रा का खर्च ₹3000 से ₹6000 के बीच हो सकता है, जिसमें सफारी शुल्क, यात्रा, आवास और भोजन शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: रणथम्भौर का रेलवे स्टेशन सवाई माधोपुर में स्थित है, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। जयपुर से रणथम्भौर की दूरी लगभग 140 किमी है, और यहाँ सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
रणथम्भौर नेशनल पार्क भारतीय वन्यजीवों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है, जहाँ बाघों का अद्भुत दृश्य देखने और जंगल की शांति का अनुभव करने का अवसर मिलता है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय यात्रा प्रदान करता है।
10 माउंट आबू (Mount Abu) – हिल स्टेशन
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य, ठंडी जलवायु और ऐतिहासिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है। माउंट आबू एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ की हरी-भरी पहाड़ियाँ, शांति का वातावरण और ऐतिहासिक स्थल इसे एक आदर्श हिल स्टेशन बनाते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. दिलवाड़ा जैन मंदिर – यह मंदिर माउंट आबू का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण है और अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए मशहूर है। यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है और इसकी अद्वितीय शिल्पकला, संगमरमर से बनी जटिल नक्काशी और शांति का वातावरण सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है।
2. नक्की झील – यह झील माउंट आबू का प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण है। यहाँ आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और झील के चारों ओर स्थित खूबसूरत हरे-भरे बगीचों में घूम सकते हैं। झील के किनारे स्थित राज महल और मुक्ताशिला मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं।
3. गुरु शिखर – माउंट आबू का सबसे ऊँचा स्थान गुरु शिखर है, जो समुद्रतल से लगभग 1,722 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से माउंट आबू और आसपास के क्षेत्रों का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। गुरु शिखर पर एक छोटा सा मंदिर भी स्थित है, जो प्रमुख धार्मिक स्थल है।
4. अचलगढ़ किला और टॉड रॉक – माउंट आबू में स्थित अचलगढ़ किला भी एक ऐतिहासिक स्थल है, जो किले के इतिहास और शाही जीवन को दर्शाता है। वहीं, टॉड रॉक एक प्रमुख आकर्षण है जहाँ से पर्वतीय क्षेत्र का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
समय: माउंट आबू के प्रमुख स्थलों का भ्रमण 9:00 AM से 6:00 PM तक किया जा सकता है। आप यहाँ की झील, मंदिरों और पहाड़ों का पूरा आनंद इस समय सीमा के भीतर ले सकते हैं।
यात्रा खर्च: माउंट आबू की 2-3 दिन की यात्रा पर ₹3000 से ₹5000 तक का खर्च आ सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: माउंट आबू, सिरोही जिले में स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन माउंट आबू रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा, जयपुर और उदयपुर से यहाँ तक बस या टैक्सी से पहुँचा जा सकता है। माउंट आबू, सिरोही से करीब 64 किमी की दूरी पर स्थित है, और यहाँ तक पहुँचने के लिए बस या टैक्सी का विकल्प उपलब्ध है।
माउंट आबू राजस्थान का एक अद्वितीय हिल स्टेशन है, जो अपने खूबसूरत दृश्य, शांतिपूर्ण वातावरण और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को एक आरामदेह और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।
11 पुष्कर (Pushkar) – ब्रह्मा जी का मंदिर
पुष्कर, राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक प्राचीन और धार्मिक स्थल है, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान विशेष रूप से भगवान ब्रह्मा के मंदिर और पुष्कर झील के कारण प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्थाओं को साकार करने के साथ-साथ इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व का भी अनुभव करते हैं। पुष्कर का मेला, जो हर साल अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित होता है, दुनिया भर से पर्यटकों और पशुपालकों को आकर्षित करता है।

मुख्य आकर्षण:
1. ब्रह्मा मंदिर – पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर भारत का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है। यहाँ भगवान ब्रह्मा की पूजा होती है और इसे हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर की स्थापत्य शैली और ऐतिहासिक महत्व इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाते हैं।
2. पुष्कर झील – यह झील हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र मानी जाती है। श्रद्धालु यहाँ स्नान करते हैं, जिससे उनके पापों का नाश होता है। झील के आसपास स्थित 52 घाट और मंदिर इस स्थल की धार्मिक महिमा को बढ़ाते हैं और यहाँ का वातावरण शांति से भरपूर है।
3. पुष्कर मेला – हर साल अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित होने वाला पुष्कर मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ ऊँटों, घोड़ों और अन्य पशुओं की खरीद-फरोख्त के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत, नृत्य और लोक कला का आयोजन भी होता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
4. सोनाजी की हवेली और अन्य मंदिर – पुष्कर में कुछ और ऐतिहासिक हवेलियाँ और मंदिर हैं, जो इस स्थान की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
समय: पुष्कर के प्रमुख स्थल सुबह 6:00 AM से रात 9:00 PM तक खुले रहते हैं। धार्मिक स्थलों पर विशेष रूप से सुबह और शाम के समय भक्तों की अधिक भीड़ होती है।
यात्रा खर्च: पुष्कर की 1-2 दिन की यात्रा का खर्च ₹1500 से ₹3000 के बीच हो सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और अन्य खर्च शामिल हैं। पुष्कर मेला के दौरान यह खर्च बढ़ सकता है, क्योंकि इस दौरान यहाँ अधिक भीड़ और उच्च आवास दर होती है।
कैसे पहुँचे: पुष्कर, अजमेर से मात्र 14 किमी की दूरी पर स्थित है और यहाँ तक पहुँचने के लिए बस या टैक्सी का उपयोग किया जा सकता है। अजमेर रेलवे स्टेशन और पुष्कर बस स्टैंड से नियमित परिवहन सेवाएँ उपलब्ध हैं। पुष्कर, जयपुर से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
पुष्कर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ की शांति, धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और ऐतिहासिक स्थल इसे एक आदर्श तीर्थ स्थल बनाते हैं। ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर मेला और झील की यात्रा एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती है।
12 सरिस्का (Sariska) – टाइगर रिजर्व
सरिस्का नेशनल पार्क राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक प्रमुख टाइगर रिजर्व है, जो बाघों और अन्य वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यह पार्क सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है और भारतीय वन्यजीवों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सरिस्का नेशनल पार्क प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध जैवविविधता और बाघों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ के जंगलों में बाघों के अलावा तेंदुए, अजगर, जंगली सूअर, चीतल, सांभर, और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. बाघ सफारी – सरिस्का नेशनल पार्क का मुख्य आकर्षण यहाँ की बाघ सफारी है। पार्क में बाघों का एक बड़ा समूह रहता है, और सफारी के दौरान पर्यटक इन बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। इसके अलावा, तेंदुआ, अजगर और अन्य वन्यजीव भी सफारी के दौरान देखे जा सकते हैं।
2. वन्यजीवों की विविधता – यहाँ के जंगलों में बाघों के अलावा तेंदुए, जंगली सूअर, भालू, अजगर, सांभर, चीतल, नीलगाय, और विभिन्न प्रकार के पक्षी जैसे मोर, गिद्ध और बगुले भी देखे जा सकते हैं। सरिस्का वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है।
3. प्राकृतिक दृश्य और जैवविविधता – सरिस्का नेशनल पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य अत्यधिक आकर्षक है। यहाँ के घने जंगल, पहाड़, झीलें और खुले मैदान जंगल सफारी को और रोमांचक बनाते हैं। यह स्थान पर्यटकों को शांति और प्रकृति के साथ समय बिताने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
4. सिद्धि विनायक मंदिर – पार्क के भीतर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।
समय: सरिस्का नेशनल पार्क सुबह 6:00 AM से लेकर शाम 5:00 PM तक खुला रहता है। सफारी सुबह और शाम के समय आयोजित की जाती है, क्योंकि ये समय वन्यजीवों को देखने के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
यात्रा खर्च: सरिस्का की 1-2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2000 से ₹4000 तक हो सकता है, जिसमें सफारी शुल्क, यात्रा, भोजन और आवास शामिल होते हैं। सफारी के लिए विशेष शुल्क लिया जाता है, जो कि पार्क के नियमों और सफारी के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकता है।
कैसे पहुँचे: सरिस्का अलवर जिले में स्थित है, जो दिल्ली और जयपुर के बीच में आता है। अलवर से सरिस्का की दूरी लगभग 37 किमी है। आप अलवर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस के द्वारा सरिस्का नेशनल पार्क पहुँच सकते हैं। दिल्ली और जयपुर से सरिस्का सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँच सकते हैं, और यहाँ तक पहुँचने के लिए टैक्सी या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है।
सरिस्का नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों, साहसिक यात्रा के शौकिनों और प्रकृति के प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ की जंगल सफारी और प्राकृतिक सौंदर्य एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं।
13 अलवर (Alwar) – ऐतिहासिक स्थल
अलवर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, किलों, महलों, झीलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर दिल्ली से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ के प्रमुख स्थल इतिहास और वास्तुकला के प्रेमियों के लिए आदर्श हैं। अलवर के प्रमुख आकर्षणों में बाला किला और सिलिसली झील प्रमुख हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. बाला किला – अलवर का बाला किला (अलवर किला) शहर का सबसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहाँ से पूरे अलवर शहर का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। किले में कई महल, मंदिर और किले की प्राचीन संरचनाएं हैं, जो इसकी ऐतिहासिक धरोहर को उजागर करती हैं। यह किला 16वीं सदी में राजा विजय सिंह द्वारा बनवाया गया था और इसके वास्तुकला में मिश्रित हिंदू-मुस्लिम प्रभाव दिखाई देता है।
2. सिलिसली झील – सिलिसली झील अलवर का एक और प्रमुख आकर्षण है। यह एक प्राकृतिक झील है, जो शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। झील के किनारे स्थित बगीचे और मंदिर इस स्थान को शांति का अनुभव प्रदान करते हैं। यहाँ पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और झील के शांत वातावरण में समय बिता सकते हैं।
3. भर्तिहरी का मंदिर – अलवर में स्थित भर्तिहरी का मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान भर्तिहरी को समर्पित है। यहाँ की प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह मंदिर एक शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित है, जहाँ दर्शन करने से आत्मिक शांति मिलती है।
4. सांदीव किला – यह किला अलवर के पास स्थित एक अन्य ऐतिहासिक स्थल है। किले के प्राचीन और आकर्षक वास्तुकला के कारण यहाँ पर्यटक आते हैं। यहाँ से आसपास के पहाड़ी दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है, और यह स्थान शांति और सुंदरता से भरपूर है।
समय: अलवर के प्रमुख स्थलों का भ्रमण सामान्यत: 9:00 AM से 6:00 PM तक किया जा सकता है। यहाँ के किले, झील और मंदिर इस समय में खुले रहते हैं, और आप इन स्थलों का आनंद ले सकते हैं।
यात्रा खर्च: अलवर की 1-2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2000 से ₹4000 तक हो सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: अलवर दिल्ली से केवल 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप बस, टैक्सी या निजी वाहन से दिल्ली से अलवर पहुँच सकते हैं। अलवर रेलवे स्टेशन और अलवर बस स्टेशन से भी यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
अलवर ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध और सांस्कृतिक महत्व रखने वाला शहर है। यहाँ का बाला किला, सिलिसली झील और अन्य स्थल पर्यटकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान इतिहास, संस्कृति और प्रकृति के प्रेमियों के लिए आदर्श गंतव्य है।
14 बांसवाड़ा (Banswara) – झील और वन्यजीव
बांसवाड़ा, राजस्थान का एक शांतिपूर्ण और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शहर है, जिसे “झीलों की नगरी” के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर अपनी खूबसूरत झीलों, जलाशयों और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का आकर्षण मुख्य रूप से इसकी झीलें, वन्यजीव अभयारण्य और अद्वितीय प्राकृतिक दृश्य हैं। यह स्थान उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो प्रकृति और वन्यजीवों के साथ समय बिताना चाहते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. माही डेम और झीलें – बांसवाड़ा के पास स्थित माही डेम एक प्रमुख जलाशय है, जो शहर की प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसके अलावा, अमर सागर झील, वाघेला झील, और हल्दी घाटी झील भी बांसवाड़ा की सुंदरता को और बढ़ाती हैं। इन झीलों के किनारे पर्यटक बोटिंग, पक्षी देखना और शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। इन झीलों का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
2. बांसवाड़ा वन्यजीव अभयारण्य – यह वन्यजीव अभयारण्य बांसवाड़ा के बाहरी क्षेत्र में स्थित है और यहाँ के घने जंगलों और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आप जंगली सुअर, सांभर, चीतल, हिरण और अन्य वन्यजीवों को देख सकते हैं। इस अभयारण्य में सफारी और ट्रैकिंग का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है, जो प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकिनों के लिए आदर्श है।
3. गांधी सेतु – गांधी सेतु, बांसवाड़ा का एक और प्रमुख स्थल है। यह सेतु माही नदी और आसपास के इलाकों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यहाँ से आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
4. कंठेश्वर मंदिर – यह प्राचीन मंदिर बांसवाड़ा के बाहरी क्षेत्र में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। यह धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ पर्यटक शांति से पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं।
समय: बांसवाड़ा के प्रमुख स्थलों का भ्रमण सुबह 9:00 AM से शाम 6:00 PM तक किया जा सकता है। यहाँ की झीलें, वन्यजीव अभयारण्य और अन्य स्थल इन समयों में खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: बांसवाड़ा की 1-2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2500 से ₹4000 तक हो सकता है, जिसमें यात्रा, आवास, भोजन और प्रवेश शुल्क शामिल हैं। वन्यजीव अभयारण्य की सफारी के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है।
कैसे पहुँचे: बांसवाड़ा उदयपुर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप बस, टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन और उदयपुर एयरपोर्ट से बांसवाड़ा तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
बांसवाड़ा उन स्थानों में से एक है जहाँ प्रकृति के साथ समय बिताने का अद्भुत अनुभव मिलता है। यहाँ की झीलें, वन्यजीव अभयारण्य और शांतिपूर्ण वातावरण पर्यटकों को शांति और आत्मिक सुख प्रदान करते हैं। यह स्थान एक बेहतरीन गंतव्य है जहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक यात्रा का अनुभव कर सकते हैं।
15 डूंगरपुर (Dungarpur) – ऐतिहासिक महल
डूंगरपुर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जो अपनी शाही महलों, किलों और प्राचीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर उदयपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ के प्रमुख स्थल ऐतिहासिक प्रेमियों और वास्तुकला के शौकिनों के लिए आदर्श गंतव्य हैं। डूंगरपुर के विजय महल और पत्थराव किला यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. विजय महल – डूंगरपुर का प्रमुख आकर्षण विजय महल है, जो शाही वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह महल एक पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ से पूरे डूंगरपुर शहर का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। महल में सुंदर गैलरी, भव्य कमरे और ऐतिहासिक शाही संरचनाएँ हैं, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। विजय महल अपनी अद्वितीय वास्तुकला और शाही वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
2. पत्थराव किला – पत्थराव किला डूंगरपुर का एक और ऐतिहासिक स्थल है। यह किला भी एक पहाड़ी पर स्थित है और इसके डिजाइन और वास्तुकला को देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित रह जाते हैं। किले में प्राचीन पानी के कुंवे, सुंदर महल और अन्य राजसी संरचनाएँ देखने को मिलती हैं। यहाँ का माहौल शाही और शांतिपूर्ण है, जो इस किले को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है।
3. नक्की झील – डूंगरपुर में स्थित नक्की झील एक प्रमुख आकर्षण है, जहाँ पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। झील के किनारे एक सुंदर बगीचा और शांति का वातावरण है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ का दृश्य शांत और मनोहक होता है, जिससे यह स्थान एक शानदार भ्रमण स्थल बन जाता है।
4. जगदीश मंदिर – यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और डूंगरपुर के धार्मिक स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। मंदिर की शिल्पकला और शांतिपूर्ण वातावरण भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
समय: डूंगरपुर के प्रमुख स्थलों का भ्रमण सुबह 9:00 AM से शाम 6:00 PM तक किया जा सकता है। आप इन स्थलों का आनंद आराम से ले सकते हैं और यहाँ की ऐतिहासिक धरोहर का अनुभव कर सकते हैं।
यात्रा खर्च: डूंगरपुर की 1-2 दिन की यात्रा का खर्च ₹2000 से ₹4000 तक हो सकता है, जिसमें यात्रा, आवास, भोजन और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: डूंगरपुर उदयपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप बस, टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन और उदयपुर एयरपोर्ट से डूंगरपुर तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग सबसे उपयुक्त है।
डूंगरपुर राजस्थान के उन शहरों में से एक है जहाँ आप शाही महल, किले और प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत अनुभव कर सकते हैं। यहाँ के विजय महल, पत्थराव किला और अन्य स्थल राजस्थान के गौरवमयी अतीत की झलक प्रस्तुत करते हैं, जो इसे एक बेहतरीन पर्यटन गंतव्य बनाते हैं।
16 राजसमंद (Rajsamand) – झीलें और किलें
राजसमंद, राजस्थान का एक सुंदर और ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी झीलों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर उदयपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है। राजसमंद का सबसे प्रमुख आकर्षण राजसमंद झील है, जो न केवल शहर की खूबसूरती को बढ़ाती है, बल्कि यहाँ के ऐतिहासिक किलों और धार्मिक स्थलों की भी प्रसिद्धि है।

मुख्य आकर्षण:
1. राजसमंद झील – राजसमंद झील इस शहर का प्रमुख आकर्षण है और यह राजस्थान की सबसे बड़ी झीलों में से एक मानी जाती है। यह झील राजसमंद शहर के बाहरी इलाके में स्थित है, और यहाँ का शांतिपूर्ण वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। झील के किनारे स्थित सुंदर बगीचे, मंदिर और किले इस स्थल को और भी आकर्षक बनाते हैं। पर्यटक यहाँ बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और झील के आसपास के इलाके की सैर कर सकते हैं।
2. राजसमंद किला – यह किला झील के पास स्थित है और इसकी ऐतिहासिक महत्ता बहुत अधिक है। किले की वास्तुकला राजस्थानी शैली में है, और यहाँ स्थित मंदिरों और महलों को देखकर पर्यटक इसकी भव्यता का आनंद ले सकते हैं। किले से झील का दृश्य अत्यंत सुंदर और मनमोहक होता है।
3. कुम्भलगढ़ किला – कुम्भलगढ़ किला, राजसमंद से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित एक और ऐतिहासिक स्थल है। यह किला अपनी विशाल दीवारों और किलेदार संरचना के लिए प्रसिद्ध है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। किले में स्थित महल, मंदिर और बगीचे इसके ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाते हैं।
4. हल्दीघाटी – राजसमंद जिले के पास स्थित हल्दीघाटी युद्ध भूमि भी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जहाँ महाराणा प्रताप और अकबर के बीच प्रसिद्ध युद्ध हुआ था। यहाँ स्थित हल्दीघाटी युद्ध स्मारक इस ऐतिहासिक स्थल को जीवंत बनाता है।
समय: राजसमंद के प्रमुख स्थलों का भ्रमण आमतौर पर 9:00 AM से 6:00 PM तक किया जा सकता है। यहाँ की झील, किले और अन्य स्थल इन समयों में खुले रहते हैं।
यात्रा खर्च: राजसमंद की 1 दिन की यात्रा का खर्च ₹1500 से ₹3000 तक हो सकता है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और प्रवेश शुल्क शामिल हैं।
कैसे पहुँचे: राजसमंद उदयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप बस, टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन और उदयपुर एयरपोर्ट से राजसमंद तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
राजसमंद राजस्थान के उन स्थलों में से एक है जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर का अद्भुत मिश्रण मिलता है। यहाँ की राजसमंद झील, कुम्भलगढ़ किला और अन्य स्थल पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान शांति, साहसिकता और इतिहास प्रेमियों के लिए आदर्श गंतव्य है।
17 हिम्मत नगर (Himmat Nagar) – धार्मिक स्थल
हिम्मत नगर, राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच अपनी आध्यात्मिक महिमा के लिए जाना जाता है। यह शहर अजमेर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों ने इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना दिया है। हिम्मत नगर का शांत वातावरण, आध्यात्मिक महत्व और धार्मिक स्थल इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाते हैं।

मुख्य आकर्षण:
1. हिम्मत नगर मंदिर – हिम्मत नगर का प्रमुख आकर्षण यहाँ का हिम्मत नगर मंदिर है, जो भगवान शिव और अन्य देवताओं को समर्पित है। इस मंदिर का स्थापत्य बेहद आकर्षक है और यहाँ हर दिन हजारों भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। मंदिर का वातावरण शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक है, जो श्रद्धालुओं को मानसिक शांति प्रदान करता है।
2. कैलाश मठ – हिम्मत नगर के पास स्थित कैलाश मठ एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान शिव के भक्त हैं। यहाँ पर नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान और पूजा होती है, और यह स्थान भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण आश्रय है।
3. साईं बाबा मंदिर – हिम्मत नगर में एक प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर भी है, जो हर साल साईं बाबा के भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनता है। यहाँ श्रद्धालु भगवान साईं बाबा की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
4. अम्बाजी मंदिर – हिम्मत नगर के पास अम्बाजी मंदिर भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो विशेष रूप से माता अम्बा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और यहाँ श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
समय: हिम्मत नगर के प्रमुख मंदिरों का समय आमतौर पर सुबह 6:00 AM से लेकर रात 9:00 PM तक होता है। आप यहाँ पूरे दिन आकर धार्मिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं और मंदिरों का दर्शन कर सकते हैं।
यात्रा खर्च: हिम्मत नगर की 1 दिन की यात्रा का खर्च ₹1500 से ₹2500 तक हो सकता है। इसमें यात्रा, भोजन, आवास और मंदिरों में प्रवेश शुल्क शामिल हैं। यह खर्च आपके यात्रा के तरीके और आवास के प्रकार पर निर्भर करेगा।
कैसे पहुँचे: हिम्मत नगर अजमेर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ तक पहुँचने के लिए आप बस, टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं। अजमेर रेलवे स्टेशन और अजमेर एयरपोर्ट से हिम्मत नगर तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
हिम्मत नगर राजस्थान के धार्मिक स्थलों में एक महत्वपूर्ण गंतव्य है। यहाँ का शांति और आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं को मानसिक शांति प्रदान करता है। यह स्थान उन सभी लोगों के लिए उपयुक्त है, जो धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना चाहते हैं और भगवान के दर्शन करना चाहते हैं।
18 सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) – रणथम्भौर नेशनल पार्क
सवाई माधोपुर, राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर जयपुर से लगभग 140 किलोमीटर दूर स्थित है, और यहाँ का रणथम्भौर नेशनल पार्क** विशेष रूप से बाघों के लिए प्रसिद्ध है। जंगली जीवन प्रेमियों और प्रकृति के शौकिनों के लिए यह एक आदर्श स्थल है। रणथम्भौर नेशनल पार्क अपनी विविध वन्यजीवों, रोमांचकारी सफारी और अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है।

मुख्य आकर्षण:
1. रणथम्भौर नेशनल पार्क – यह पार्क भारत में बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ बाघों के अलावा तेंदुए, सियार, जंगली सूअर, भालू और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। पार्क में सफारी करते हुए पर्यटक इन जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं, जो एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
2. रणथम्भौर किला – रणथम्भौर नेशनल पार्क के अंदर स्थित रणथम्भौर किला एक ऐतिहासिक स्थल है। यह किला प्राचीन राजपूत वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है और पार्क की सुंदरता को और भी बढ़ाता है। किले से पार्क का दृश्य बहुत सुंदर दिखाई देता है और यहाँ की प्राचीन संरचनाएँ भी दर्शनीय हैं।
3. सफारी और वाइल्डलाइफ ट्रैकिंग – रणथम्भौर पार्क में जीप सफारी और कैमल सफारी की व्यवस्था है, जो पर्यटकों को जंगल के विभिन्न हिस्सों में ले जाती है। इन सफारी के दौरान आप बाघों, तेंदुओं और अन्य जंगली जानवरों को देखने का अद्भुत अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
4. दामोदर मंदिर और राजबाग झील – रणथम्भौर पार्क के भीतर स्थित दामोदर मंदिर और राजबाग झील भी देखने योग्य स्थल हैं। यहाँ का शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करता है।
समय: रणथम्भौर नेशनल पार्क का समय सुबह 6:00 AM से शाम 6:00 PM तक होता है। सफारी बुकिंग पहले से करनी होती है और पार्क का भ्रमण विशेष रूप से सुबह और शाम के समय रोमांचक होता है, जब जानवर अधिक सक्रिय होते हैं।
यात्रा खर्च: सवाई माधोपुर की 2 दिन की यात्रा का खर्च ₹3000 से ₹6000 तक हो सकता है, जिसमें सफारी, यात्रा, भोजन, और आवास शामिल हैं। सफारी शुल्क और प्रवेश शुल्क भी इस खर्च में शामिल होते हैं।
कैसे पहुँचे: सवाई माधोपुर जयपुर से लगभग 140 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप बस, टैक्सी, या प्राइवेट वाहन का उपयोग कर सकते हैं। सवाई माधोपुर का रेलवे स्टेशन भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और यहाँ पहुँचने के लिए जयपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से भी यात्रा की जा सकती है।
सवाई माधोपुर और रणथम्भौर नेशनल पार्क एक बेहतरीन पर्यटन गंतव्य है। यहाँ के बाघों, जंगली जीवन और ऐतिहासिक किलों का अद्भुत संयोजन इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बनाता है। यदि आप प्रकृति और वन्यजीवों के प्रेमी हैं, तो यह स्थल आपके लिए आदर्श गंतव्य हो सकता है।
राजस्थान यात्रा के सुझाव
राजस्थान, ऐतिहासिक किलों, महलों, रेगिस्तानी इलाकों और संस्कृति से भरपूर राज्य है। यहां rajsthan travel करने के लिए ट्रेन, बस और कार का इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिकांश प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों को रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे शहरों से राजस्थान के अन्य हिस्सों के लिए नियमित ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आप बस या प्राइवेट कार द्वारा भी आराम से राजस्थान के स्थान rajsthan places यात्रा कर सकते हैं।
यात्रा खर्च: आपके यात्रा के प्रकार, गंतव्य स्थान और रुकने की अवधि पर निर्भर करता है। औसतन, राजस्थान में एक व्यक्ति का यात्रा खर्च ₹1500 से ₹7000 तक हो सकता है। यह खर्च यात्रा के तरीके (जैसे, ट्रेन या फ्लाइट), रुकने की जगह (साधारण होटल या लग्ज़री रिसॉर्ट) और खानपान पर निर्भर करेगा।
राजस्थान में रहने की व्यवस्था विभिन्न बजट के अनुसार उपलब्ध है। आप यहां के सस्ते होटलों से लेकर आलीशान महल-रिसॉर्ट तक में ठहर सकते हैं। राजस्थान की यात्रा के दौरान आपको स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक भोजन और हस्तशिल्प का अद्भुत अनुभव मिलेगा। इन सबका आनंद लेते हुए आप राजस्थान की विविधता और सुंदरता का सही मायनों में अनुभव rajsthan trip कर सकते हैं।
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